IIT इंदौर की बड़ी खोज: सीमेंट के बिना बना कांक्रीट, बहुमंजिला इमारतें बनाने में सक्षम

IIT इंदौर की बड़ी खोज: सीमेंट के बिना बना कांक्रीट, बहुमंजिला इमारतें बनाने में सक्षम

📍 इंदौर | 16 जुलाई 2025

IIT इंदौर ने निर्माण जगत में एक क्रांतिकारी खोज की है। यहां के सिविल इंजीनियरिंग विभाग ने बिना सीमेंट के कांक्रीट तैयार करने में सफलता हासिल की है। यह कांक्रीट इतनी मजबूत और टिकाऊ है कि इससे मकान ही नहीं, बल्कि बहुमंजिला इमारतें भी बनाई जा सकती हैं। संस्थान का दावा है कि यह तकनीक पर्यावरण के लिए बेहद लाभकारी होगी।


🧪 कैसे बना सीमेंट-मुक्त कांक्रीट?

एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अभिषेक राजपूत और उनकी शोध टीम ने इस कांक्रीट को जियोपॉलिमर तकनीक (Geopolymer Technology) से तैयार किया है। इसमें सीमेंट की जगह पर फ्लाई ऐश और GGBS (ग्राउंड ग्रेन्युलेटेड ब्लास्ट फर्नेस स्लैग) जैसे औद्योगिक अपशिष्टों का उपयोग किया गया है। इन दोनों सामग्रियों से एक ऐसा बाइंडर तैयार होता है जो पारंपरिक सीमेंट से कहीं अधिक टिकाऊ है।

🧱 “इस कांक्रीट से मकान और बहुमंजिला इमारतें भी पूरी मजबूती से बनाई जा सकती हैं। यह भविष्य का ग्रीन कंस्ट्रक्शन मटेरियल है।”
— डॉ. अभिषेक राजपूत, IIT इंदौर


💪 मजबूती और टिकाऊपन में नहीं कोई समझौता

IIT इंदौर के मुताबिक, इस सीमेंट-मुक्त कांक्रीट की कंप्रेसिव स्ट्रेंथ (दबाव सहने की क्षमता) पारंपरिक कांक्रीट के बराबर या उससे अधिक है। इसके निर्माण में पानी की भी बहुत कम आवश्यकता होती है, जिससे जल संरक्षण भी संभव है।


🌱 पर्यावरण को मिलेगा बड़ा फायदा

परंपरागत सीमेंट निर्माण से हर साल लगभग 2.5 अरब टन कार्बन डाईऑक्साइड (CO₂) उत्सर्जित होता है, जो वैश्विक स्तर पर कुल CO₂ उत्सर्जन का 8% है। IIT इंदौर की यह नई तकनीक इस समस्या का सस्टेनेबल समाधान बन सकती है।

🗣️ “यह तकनीक भारत को हरित निर्माण (Green Construction) की दिशा में नई दिशा दिखा सकती है।”


🏗️ देशभर में हो सकता है बड़े पैमाने पर उपयोग

IIT इंदौर का मानना है कि यह कांक्रीट जल्द ही सार्वजनिक इमारतों, हाउसिंग प्रोजेक्ट्स, ब्रिज और इंडस्ट्रियल स्ट्रक्चर्स में उपयोग के लिए मान्य किया जा सकता है। इससे न केवल निर्माण लागत घटेगी, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।


🔎 निष्कर्ष:

IIT इंदौर की यह खोज भारतीय निर्माण क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है। सीमेंट-मुक्त, टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल यह कांक्रीट आने वाले समय में क्लाइमेट-फ्रेंडली इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में उपयोगी साबित होगी।

Share:

संबंधित समाचार

Leave a Comment